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यह परियोजना किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने और रसायन मुक्त खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। जैविक खाद उत्पादन के माध्यम से न केवल मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदार दृष्टिकोण अपनाने का एक अहम कदम है। इस परियोजना के अंतर्गत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उनकी फसलें प्राकृतिक रूप से पोषित होती हैं और वे रासायनिक खादों पर निर्भर नहीं रहते। जैविक खाद के उपयोग से न केवल फसल की गुणवत्ता में वृद्धि होती है, बल्कि यह मिट्टी की स्थायी उर्वरता को भी बनाए रखता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से सीधे दूध इकट्ठा करने के लिए दुग्ध संग्रहण केंद्रों की स्थापना की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके दुग्ध उत्पादन का उचित मूल्य दिलाना है, जिससे उन्हें बाजार पर निर्भरता कम हो और उनका लाभांश बढ़ सके। इन केंद्रों पर दूध की गुणवत्ता की जांच, प्रसंस्करण और सुरक्षित संग्रहण की व्यवस्था होती है, जिससे किसान अपने उत्पाद को अधिक समय तक सुरक्षित रख सकते हैं। यह परियोजना किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें दुग्ध विपणन में समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह परियोजना किसानों के उत्पादों का प्रसंस्करण, पैकेजिंग और ब्रांडिंग करके उनके बाजार मूल्य को बढ़ाने पर केंद्रित है। इसके अंतर्गत टमाटर, आलू, केला, और अन्य फसलों का प्रसंस्करण किया जाता है, जिससे उनका मूल्य कई गुना बढ़ जाता है। इस प्रक्रिया से किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिलना सुनिश्चित होता है, साथ ही उन्हें अधिकतम मुनाफा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। मूल्यवर्धन के माध्यम से किसान न केवल अपने उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं, बल्कि उनकी मांग भी बाजार में बढ़ जाती है।
यह परियोजना किसानों को उनकी फसलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज और गोदाम सुविधाएं प्रदान करने पर केंद्रित है। इससे किसानों को उनके उत्पादों को नुकसान पहुँचने का खतरा कम हो जाता है, और वे बाजार की मांग और कीमतों के अनुसार अपने उत्पादों को सही समय पर बेच सकते हैं। इस परियोजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसान बिना फसल के नुकसान के अपने उत्पादों को संग्रहीत कर सकें और बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकें।
इस परियोजना का उद्देश्य किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रेरित करना और अनुसंधान के माध्यम से नई फसलों के विकास पर काम करना है। किसानों को नई और लाभकारी फसलें उगाने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे उनकी आय के स्रोतों में वृद्धि होती है और वे फसल के जोखिमों से बच सकते हैं। इसके तहत विभिन्न फसलों पर अनुसंधान कर उनकी उपज क्षमता, पानी की आवश्यकता, और बाजार की मांग के अनुसार फसल चक्र को तैयार किया जाता है। इससे किसानों को नई फसलें उगाने के नए अवसर मिलते हैं, जो उनकी आय में वृद्धि करते हैं।
यह परियोजना किसानों को सौर ऊर्जा पर आधारित सिंचाई उपकरण उपलब्ध कराने पर केंद्रित है, जिससे उनकी बिजली पर निर्भरता कम हो और सिंचाई की लागत घटे। सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई उपकरण न केवल पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि यह किसानों को बिना किसी अतिरिक्त खर्च के अपनी फसलों की सिंचाई करने में मदद करते हैं। इस परियोजना का लक्ष्य है कि किसान प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकें।
यह परियोजना किसानों को कृषि अवशेषों और गोबर से बायोगैस उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करती है। बायोगैस प्लांट के माध्यम से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है, बल्कि इससे प्राप्त जैविक खाद को कृषि में भी उपयोग किया जा सकता है। यह परियोजना न केवल पर्यावरणीय लाभ प्रदान करती है, बल्कि यह किसानों को अतिरिक्त आय का एक नया स्रोत भी देती है।
किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, फसल प्रबंधन, जैविक खेती और आधुनिक कृषि उपकरणों के उपयोग पर नियमित रूप से प्रशिक्षण प्रदान करना इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों को प्रशिक्षण शिविरों और कार्यशालाओं के माध्यम से नवीनतम कृषि प्रथाओं के बारे में जानकारी दी जाती है। यह किसानों को उनकी कृषि दक्षता बढ़ाने में मदद करता है और उन्हें नई तकनीकों के साथ अपडेट रहने के लिए प्रेरित करता है।
किसानों के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में पहुंचाने और उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल करने के उद्देश्य से यह निर्यात प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। इसके अंतर्गत किसानों को उनके उत्पादों को निर्यात करने के लिए आवश्यक सहायता और मार्गदर्शन दिया जाता है। निर्यात प्रोजेक्ट किसानों को अपने उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी मूल्य प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह परियोजना शुरू की गई है। इसका लक्ष्य है कि शहरी लोग खेती के महत्व और प्रक्रिया को समझ सकें और इस अनुभव से जुड़ सकें। इस परियोजना के माध्यम से किसानों को अपनी खेती के अलावा अतिरिक्त आय का एक नया स्रोत मिलता है। एग्रो टूरिज्म से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है।